मुख्यमंत्री के निर्देशों को चकनाचूर करने में जुटा है बसपा मानसिकता से ग्रसित चौकी इंचार्ज ज्वाला गंज
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मुख्यमंत्री के निर्देशों को चकनाचूर करने में जुटा है बसपा मानसिकता से ग्रसित चौकी इंचार्ज ज्वाला गंज< फतेहपुर। सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ एवं बुलडोजर बाबा ने आज कैबिनेट मंत्रिमंडल की बैठक लेने के बाद बड़ा फरमान जारी करते हुए कहा है कि अपराधी और माफिया चाहे जितना भी बड़ा बलशाली क्यों ना हो उसकी गैर कानूनी हरकतों के खिलाफ बुलडोजर अवश्य गरजेगा। बुलडोजर बाबा का खौफ इस जनपद में अपराधियों और माफियाओं के अंदर इस कदर समाया हुआ है कि वह अपने आप को सुरक्षित करने के लिए अज्ञातवास में जाने के लिए पूरी तरह से मजबूर हो गए है। बुलडोजर बाबा के निर्देशों का जनपद के ईमानदार पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार सिंह पूरी तरह से पालन करते नजर आ रहे हैं और उनके कार्यकाल में जनपद की पुलिस ने उनके कुशल निर्देशन पर जितनी बड़ी कामयाबी हासिल करने का काम किया है जनपद में यह इतिहास बनकर रह गया है। हैरत की बात तो यह है कि बुलडोजर बाबा के निर्देश पर ईमानदार पुलिस अधीक्षक ने बाबा के सपनों को साकार करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं किंतु शहर के ज्वालागंज बस स्टॉप चौकी इंचार्ज ने भ्रष्टाचार की सारी सीमाएं तोड़ते हुए मुख्यमंत्री के सपनों को कांच के टुकड़ों की भांति चकनाचूर कर दिया है। गौरतलब बात तो यह है कि माहे रमजान का पवित्र महीना चल रहा है और चौकी इंचार्ज का कमाऊ पूत कहा जाने वाला सिपाही विकास कुमार के रहमों करम पर पवित्र दरगाह नजमुद्दीन शाह बाबा का इलाका भी स्मैक के धुएं की धुंध में समा जाता है। चर्चा इस बात की है कि माचिस की डिब्बी समूचे मार्केट में एक रुपए की मिलती है लेकिन इस इलाके में उपरोक्त माचिस की डिब्बी को फुटपथिया दुकानदार 100 रुपए में बेचते हैं। आखिरकार उस माचिस की डिब्बी के अंदर कौन सा जिन्न प्रवेश किए रहता है जो खाकी को रातों-रात फर्श से अर्श में पहुंचाने का काम करता है। समूचे इलाके में यह अफवाह जंगल की आग की तरह फैली हुई है कि चौकी इंचार्ज शशिकांत सरोज जो पूरी तरह से बसपा मानसिकता से ग्रसित है और उसने अपने कमाऊ पूत को अवैध वसूली करने के लिए पूरी तरह से छूट दे रखी है। आका का आदेश मिलने के बाद उपरोक्त सिपाही ने एक वर्ग विशेष के अपराधियों की फौज को अवैध वसूली करने के लिए तैयार कर रखा है और सूरज ढलने के बाद यानी शाम होने के बाद वर्ग विशेष के अराजक तत्वों का जमावड़ा पुलिस चौकी में लग जाता है। आखिरकार अराजक तत्वों का जमावड़ा लगे भी क्यों नहीं क्योंकि उपरोक्त वर्ग विशेष के अराजक तत्व चौकी इंचार्ज और विकास नामक सिपाही की हर ख्वाहिश को पूरा करने से पीछे नहीं हटते हैं इसलिए चौकी इंचार्ज और उनके कमाऊ पूत सिपाही वर्ग विशेष के अपराधियों की आवभगत करने में जुटे रहते हैं।
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